छत्तीसगढ़ में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर शासन बेपरवाह
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रायपुर, 17 अप्रैल 2023. aipha news
देश में नर्सिंग की सर्वोच्च नियामक समिति इंडियन नर्सिंग कौंसिल, नई दिल्ली ने नर्सिंग पाठ्यक्रमों एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, GNM, ANM के शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त से शुरू करने के निर्देश देते हुए प्रवेश की अंतिम तारीख 30 सितम्बर 2023 घोषित कर दी है लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अब तक नर्सिंग प्रवेश परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा ही नहीं की गई है.
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से ही संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा अब तक प्रवेश नियमों की विसंगतियों को दूर नहीं करने से प्रत्येक वर्ष प्रवेश दिसंबर तक चलता रहता है जिससे छात्र छात्राओं को अनावश्यक एक वर्ष ख़राब होता है, सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष तो मार्च तक प्रवेश होते रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ निर्माण के पूर्व मध्य प्रदेश में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के नियम छात्र छात्राओं के लिए अत्यंत सरल थे, तत्कालीन मध्य प्रदेश में केवल सरकारी नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए नर्सिंग प्रवेश में भाग लिए अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश का नियम था, छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद अस्तित्व में आये संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के एक अधिकारी ने “अज्ञात” कारणों से नियमों को बदलकर प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में भी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा अनिवार्य कर दी जबकि मध्य प्रदेश सहित कई अन्य प्रदेशों में आज भी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में इंडियन नर्सिंग कौंसिल, नई दिल्ली के निर्देशों अनुसार कॉलेज स्तर पर प्रवेश होते हैं, हैरानी की बात यह है कि शासन स्तर पर अनेक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चिकित्सा शिक्षा सचिव के रूप में आये गए, छात्र संगठनों ने कई बार उनसे मिलकर प्रवेश नियमों को बदलने की मांग की लेकिन संचालनालय के उक्त डॉक्टर अधिकारी न जाने चिकित्सा शिक्षा सचिव को क्या बता आते हैं कि आईएस स्तर के अधिकारी भी उनकी बातों में आ जाते हैं.
बहरहाल इस बार भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नर्सिंग प्रवेश परीक्षाओं को लेकर बेपरवाह है हमने संचालक चिकित्सा शिक्षा डा विष्णु दत्त से प्रवेश परीक्षा कार्यक्रम की जानकारी मांगी तो उन्होंने जवाब ही नहीं दिया तब हमने आयुक्त एवं शासन सचिव से जानकारी मांगी है लेकिन समाचार लिखते तक उनकी ओर से भी अब तक कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ है.
पिछले वर्ष हाई कोर्ट के निर्देश पर दिसम्बर माह में मात्र 2 दिन 29 और 30 दिसम्बर को कॉउंसलिंग आयोजित की गई थीं, जिसके कारण अनेक संस्थानों में सीटे रिक्त रह गई, अब इस वर्ष समय पर प्रवेश परीक्षा आयोजित नही हो रही हैं, जिसका खामियाजा भी इस वर्ष विद्यार्थियों और संस्थानों को भुगतना पड़ेगा. ज्ञात हो कि पिछले सत्र में प्रदेश के 5 मंत्री भी चिकित्सा शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली से बहुत अधिक नाराज थे.