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प्रदेश में सीटें रिक्त रहते भी 2500 छात्राओं को नर्सिंग कोर्स में प्रवेश नहीं मिल रहा: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मिले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से

छत्तीसगढ़ में बीएससी नर्सिंग की 7 हजार से अधिक सीटें, 2782 सीटें रिक्त होने के बावजूद छात्र छात्राओं को प्रवेश नहीं दे रहा चिकित्सा शिक्षा विभाग, प्रवेश की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, हजारों छात्र छात्राओं का एक वर्ष ख़राब होने की सम्भावना


रायपुर, 25 दिसंबर 2022. aipha news

सांसद एवं छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा अध्यक्ष अरूण साव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मिलकर उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य में बीएससी नर्सिंग की 2782 सीटें रिक्त रहने की जानकारी देते हुए प्रदेश शासन को न्यूनतम अर्हता के आधार पर प्रवेश देने दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया है. सांसद अरूण साव के साथ गए छत्तीसगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ के प्रतिनिधियों रमेश गांधी एवं ललित लुंकड़ ने भी छात्र हित में उनसे निवेदन किया है.
उल्लेखनीय है कि देश भर में केवल छत्तीसगढ़ प्रांत ही ऐसा है जहां प्रवेश नियमों की अनावश्यक जटिलता से प्रति वर्ष नर्सिंग कॉलेजों की एक तिहाई सीटें रिक्त रह जाती है. जबकि देश में नर्सिंग की सर्वोच्च संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने भी न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता के आधार पर प्रवेश के निर्देश दिए हैं और मध्य प्रदेश सहित देश के अधिकांश प्रदेशों में निजी नर्सिंग कॉलेजों में न्यूनतम अर्हता के आधार पर कॉलेज स्तर पर ही प्रवेश देने के नियम हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के संचालनालय चिकित्सा शिक्षा 2016 से छात्र हित के विरुद्ध अज्ञात कारणों से नियमों में बदलाव कर अनावश्यक ही प्रदेश के हजारों छात्र छात्राओं को प्रति वर्ष हतोत्साहित कर रहा है.
ज्ञात हो कि सत्तारूढ़ दल के विधायक बृहस्पत सिंह ने भी पिछले दिनों प्रवेश नियमों की जटिलता को अफसरों की लालफीताशाही करार देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तत्काल प्रवेश नियमों को शिथिल करते हुए प्रवेश देने का आग्रह किया था, बावजूद इसके संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के सम्बंधित अधिकारी अब तक उदासीन हैं. एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि हम पिछले 4 वर्षों से प्रवेश नियमों में व्यावहारिक संशोधन का निवेदन कर रहे हैं. इस वर्ष भी हम संचालक चिकित्सा शिक्षा, सचिव चिकित्सा शिक्षा, मुख्य सचिव, विभागीय मंत्री टी एस सिंहदेव सहित मुख्य मंत्री भूपेश बघेल से भी मिलकर फरियाद कर चुके हैं, सबसे निराश होने के बाद अंततः हम 20 दिसंबर को दिल्ली जाकर सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अरुण साव से मिलकर छात्र हित में उनसे मदद मांगी थी, विषय की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हमें मिलवाया.
सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 सालों से प्रति वर्ष बीएससी नर्सिंग सहित नर्सिंग पाठ्यक्रम के अन्य पाठ्यक्रमों की लगभग 30% सीटें केवल इसलिए रिक्त रह जाती हैं क्योंकि प्रदेश में नर्सिंग के प्रवेश नियमों को इंडियन नर्सिंग कौंसिल के दिशा निर्देशों के विपरीत एवं अनावश्यक जटिल बना दिया गया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सीटें रिक्त रहने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं की प्रवेश नहीं दिए जाने पर हैरानी जाहिर करते हुए निजी सचिव को तत्काल उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.

एसोसिएशन की ओर से इस वर्ष का एक अन्य उदहारण बताया गया कि एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक नर्सिंग में प्रवेश हेतु इंडियन नर्सिंग कौंसिल, नई दिल्ली द्वारा अधिकतम आयु की सीमा नहीं रखी गई है, बावजूद इसके नर्सिंग काउंसिलिंग समिति द्वारा प्रवेश की अधिकतम उम्र 35 वर्ष निर्धारित कर दी गई थी, परेशान छात्र छात्राओं ने इसी माह माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने पर माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा 21 दिसंबर 2022 को निर्णय करते हुए अधिकतम आयु की सीमा समाप्त करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं, अफ़सोस की बात यह है कि इसके उपरांत भी आज दिनांक तक संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा ऑनलाइन पोर्टल ओपन नहीं किया गया है.

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